5 Best indicator for Trading | शेयर ट्रेडिंग के 5 बेहतरीन इंडिकेटर
शेयर बाजार में किसी भी शेयर की कीमतें ऊपर या नीचे होती रहती है। इस कारण से शेयर को समझने के लिए बाजार में इंडिकेटर का प्रयोग किया जाता है । इस आर्टिकल में हम शेयर बाजार के सबसे बेहतरीन इंडिकेटर के बारे में बात करेंगे।
इंडिकेटर वह ग्राफ या रेखाएं होते हैं जो की शेयर की प्राइस के ऊपर या नीचे जाने से पहले या बाद में उसके बारे में सटीक जानकारी बता देते हैं। इंडिकेटर एक गणितीय अवधारणा पर काम करता है जिसके अपने नियम होते है।
इंडिकेयर का फायदा
अगर कोई शेयर गिरने वाला है तो पहले ही कुछ इंडिकेटर आपको रिवर्सल का संकेत दे देते हैं जिससे आपका नुकसान कम होता है ।
वहीं पर अगर कोई शेयर ऊपर जाने वाला होता है तो वह पहले ही संकेत देता है जिससे आपका प्रॉफिट बहुत ज्यादा बन जाता है ।
इंडिकेटर वह ग्राफ या रेखाएं होते हैं जो की शेयर की प्राइस के ऊपर या नीचे जाने से पहले या बाद में उसके बारे में सटीक जानकारी बता देते हैं। इंडिकेटर एक गणितीय अवधारणा पर काम करता है जिसके अपने नियम होते है।
FII और DII क्या है और यह शेयर बाजार को कैसे प्रभावित करते है।
प्रयोग कैसे ले
जब आप किसी स्टॉक में ट्रेड करते हैं तो उसके चार्ट पर आपको इंडिकेटर को अप्लाई करना होता है । जैसे ही आप उसके चार्ट पर इंडिकेटर को अप्लाई करते हैं तो वह आपको यह बता देता है कि इस शेयर में कीमत बढ़ सकती है या घट सकती है ।
अगर कोई टेक्निकल इंडिकेटर आपको यह संकेत देता है की प्राइस अब ऊपर जा सकती है तो ऐसी स्थिति में आप शेयर खरीद लेते हैं, और प्राइस बढ़ने पर बेचकर उसको मुनाफा कमा लेते हैं ।
वहीं पर अगर आपके टेक्निकल इंडिकेटर्स आपको गिरावट के संकेत दे रहे हैं तो आप शेयर को बेच कर शॉर्ट सेल से भी अच्छा पैसा कमा सकते हैं ।
रेलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI):
शेयर बाजार के इंडिकेटर में RSI इंडिकेटर बहुत ही शानदार और आसान है । ज्यादातर ट्रेडर इस इंडिकेटर का प्रयोग करते हैं । यह ऐसा इंडिकेटर है जो आपको किसी भी शेयर को कम कीमत में खरीद कर ज्यादा कीमत में बेचने में मदद करता है ।
RSI किसी भी शेयर की कीमतों में वृद्धि और गिरावट की गति को मापता है । RSI की वैल्यू को 0 से 100 तक की रेंज में मापा जाता है ।
RSI में 30 से नीचे की रीडिंग एक अति-बिक्री over sold स्थिति का संकेत देती है। ऐसी स्थिति में आप शेयर में खरीद कर सकते है ।
वहीं पर 70 से ऊपर की रीडिंग एक over bought स्थिति का संकेत देती है । ऐसी स्थिति में आप शेयर को बेच कर प्रॉफिट बुक कर सकते है । इस तरह से इस इंडिकेटर का प्रयोग कर आप किसी भी शेयर को खरीद या बेच सकते है।
3 Best lifetime Free credit cards | 3 बेस्ट लाइफटाइम फ्री क्रेडिट कार्ड
मूविंग एवरेज (MA):
मूविंग एवरेज , जैसा कि नाम में लिखा है कि यह एक एवरेज को बताता है। मूविंग एवरेज इंडिकेटर क़े प्रयोग से हम किसी भी शेयर की क्लोजिंग प्राइस का एवरेज जान सकते हैं। अगर शेयर के प्राइस मूविंग एवरेज के ऊपर है तो आप शेयर में खरीद दारी कर सकते हैं। वहीं पर अगर शेयर की प्राइस मूविंग एवरेज से निचे है तो आप शेयर को बेच सकते है क्योकि यह कमजोरी का संकेत है ।
वर्तमान समय में दो प्रकार के मूविंग एवरेज है जिनको सिंपल मूविंग एवरेज और एक्स्पोनेंशियल मूवीग एवरेज के नाम से जाना जाता है। एक्स्पोनेंशियल मूविंग एवरेज ज्यादा सही और ज्यादा सटीक है।
एक मूविंग एवरेज पिछले कुछ दिनों, हफ्तों, महीनों या वर्षों के शेयर की कीमतों के औसत को दर्शाता है। मूविंग एवरेज का उपयोग रुझानों की पहचान करने और अवसरों को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
Super trend सुपर ट्रेँड
सुपर ट्रेड एक बहुत ही शानदार और सरल ट्रेडिंग इंडिकेटर है। यह ट्रेडिंग इंडिकेटर आपको स्पष्ट तरीके से किसी भी सिक्योरिटी को खरीदने और बेचने की संकेत देता है।
सुपर ट्रेड भी मूविंग एवरेज की तरह कीमतों का अनुसरण करता है। और यह करंट ट्रेंड को भी दिखा देता है जब सुपर ट्रेड क्लोजिंग प्राइस के ऊपर बंद होता है तो यह खरीदने की BUY सिग्नल देता है वहीं पर अगर सुपर ट्रेड क्लोजिंग प्राइस के नीचे बंद होता है तो यह सेल सिगनल प्रोवाइड करता है।
5 Best Personal Finance Books In Hindi | पर्सनल फाइनेंस की 5 बेहतरीन किताबें
बोलिंगर बैंड्स Bollinger Bands (बॉलिंगर बैंड):
बॉलिंगर बैंड्स एक बहुत ही महत्वपूर्ण इंडिकेटर है जो कि आपको किसी भी शेयर की क्वालिटी को मापने का पैमाना बताता है। इस इंडिकेटर का प्रयोग टेक्निकल एनालिसिस में बहुत ही अच्छी तरीके से किया जाता है।
बोलिंगर बैंड्स 20-दिन के मूविंग एवरेज के ऊपर और नीचे स्थित तीन लाइनों से बने होते हैं। जब बोलिंगर बैंड्स संकुचित होते हैं, तो यह संकेत देता है कि शेयर की कीमतें स्थिर हैं। जब बोलिंगर बैंड्स फैले हुए होते हैं, तो यह संकेत देता है कि शेयर की कीमतें अस्थिर हैं।
इस प्रकार बोलिंगर बैंड में तीन बेंड होते हैं। मिडिल बॉलिंगर बैंड शेयर प्राइस होता है यह किसी शेयर के फ्लोर प्राइस को बताता है। middle bollinger bands शेयर के औसत प्राइस को भी बताता है। लोअर बॉलिंगर बैंड किसी भी शेयर के लोअर प्राइस को बताता है। और अपर बॉलिंगर बैंड उस शेयर की हाई प्राइस को बताता है।
MACD Indicator
एमएसडी यानि मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डायवर्जेंस एक बहुत ही प्रसिद्ध तकनीक टेक्निकल एनालिसिस है। MACD अक्सर ट्रेंड के मोमेंटम और पोटेंशियल रिवर्सल के बारे में जानकारी देता है।
एमएसडी में अक्सर दो लाइन होती है जिसे हम MACD लाइन और सिग्नल लाइन के नाम से जानते है। MACD लाइन एक फास्ट मूविंग एवरेज है और सिग्नल लाइन एक स्लो मूविंग एवरेज होती है।
जब एमएसडी लाइन सिग्नल लाइन को क्रॉस करती है तभी पोटेंशियल बाय या सेल सिगनल हो जाता है।
जब MACD लाइन जीरो लाइन के ऊपर जाती है तो यह एक बुलिश सिग्नल होता है और बताता है की प्राइस ऊपर जा सकती है।
वहीं पर जब MACD लाइन जीरो लाइन के नीचे जाती है तो यह मंदी का संकेत होता है। और यह बताता है कि शेयर की प्राइस में गिरावट की संभावना है।
इस तरह से MACD इंडिकेटर को लगातार मॉनिटर करते रहना चाहिए क्योंकि इससे हमें पोटेंशियल क्रॉसओवर और डायवर्जेंस के बारे में पता चलता रहता है।
निष्कर्ष
ट्रेडिंग के इंडिकेटर को अगर सही तरीके से प्रयोग किया जाए तो यह आपके प्रॉफिट को बहुत ज्यादा बढ़ाने में हेल्प कर सकते हैं ।
वहीं पर अगर आपका कोई ट्रेड लॉस में जा रहा है तो उसको भी काफी कम करने की क्षमता रखते हैं ।
शेयर मार्केट में किसी भी शेयर को समझने के लिए कई प्रकार के इंडिकेटर्स (indicators) उपयोग किए जा सकते हैं, लेकिन सबसे अच्छे इंडिकेटर्स का चयन आपके निवेश के लक्ष्य और निवेश के प्रकार पर निर्भर करता है। यहां कुछ मुख्य शेयर मार्केट इंडिकेटर्स हैं जो निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं:
ये केवल कुछ इंडिकेटर्स हैं, और आपके निवेश के लिए सही इंडिकेटर्स का चयन आपके निवेश के लक्ष्यों और रिस्क टोलरेंस के साथ मेल खाना चाहिए।
हालांकि, किसी भी indicator पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जाना चाहिए। और निवेशकों को हमेशा अपने research करने और अपने निर्णयों के लिए जिम्मेदार होने की सलाह दी जाती है.
ट्रेडिंग इंडिकेटर का प्रयोग करने के साथ-साथ अगर आपको चार्ट पढ़ना भी आ जाए तो यह है सोने पर सुहागा के बराबर होगा ।
पैसा बनाने के लिए चार्ट, ट्रेडिंग इंडिकेटर उसके साथ-साथ आपको ट्रेडिंग नियम बनाकर चलना पड़ेगा जिससे आप आने वाले समय में बहुत अच्छा परफॉर्म कर पाएंगे ।
मुझे उम्मीद है कि यह है आर्टिकल आपको पसंद आया है अगर पसंद आया तो इसको शेयर करके और अच्छा देखने के लिए प्रेरित करें और अपने कमेंट से हमें अवगत भी कराते रहे।