टाटा ग्रुप उतरा सेमीकंडक्टर चिप बनाने में - ये स्टॉक भागेगा | Tata semiconductor chip manufacturing company
आज के जमाने में ऐसी शायद ही कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हो जिसमें सेमीकंडक्टर चिप नहीं लगी हुई हो ।
किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए सबसे इंपोर्टेंट चीज होती है वह है सेमीकंडक्टर चिप ।
सेमीकंडक्टर चिप क्या होती है
जैसा कि नाम से साफ है सेमीकंडक्टर इसका मतलब कंडक्टर और नॉन कंडक्टर के बीच की कड़ी है । तो ये ना तो एक कंडक्टर होता है और न ही इंसुलेटर ।इस सेमीकंडक्टर से जो चिप बनती है उसे सेमीकंडक्टर चिप कहते है ।
तो सेमीकंडक्टर चीप एक ऐसी छोटी सी चिप होती है जिसके अंदर लाखों-करोड़ों ट्रांजिस्टर , डायोड और इंटीग्रेटेड सर्किट लगे होते हैं । इतना सब कुछ होता है एक छोटी सी चिप के अंदर ।
सेमीकंडक्टर चिप का काम
अभी बात करते हैं सेमीकंडक्टर चिप का कार्य क्या होता है । मुख्य रूप से सेमीकंडक्टर चिप पूरे के पूरे सर्किट को इंटीग्रेटेड कर देते हैं । और बहुत सारी ऐसी चीजें होती है जिनको ऑटोमेशन की जरूरत होती है वह सारी की सारी चीजें भी कंडक्टर चिप के थ्रू ही की जाती है । सारी ऑटोमेटिक कमांड इन्ही चिप्स से ली जाती है ।आदित्य बिरला सन लाइफ AMC लिमिटेड IPO शेड्यूल , GMP, प्राइस बैंड,रिव्यु सब डिटेल।
आज के समय में ज्यादातर सेमीकंडक्टर चिप जो दुनियाभर में बनती है वह बनती है साउथ कोरिया, ताइवान और चाइना में ।
ओर इनका RAW मटेरियल जापान, मैक्सिको ओर अमेरिका से आता है ।
तो कोरोना के बाद में बहुत सारी कंपनियां ठप हो गई है और उनका काम बहुत कम हो गया है ।
इसके कारण से पूरी दुनिया में चिप की शॉर्टेज आ गई है। और इससे सब एलेक्टोनिक्स समान बनाने वाली कंपनियों पर बुरा असर पड़ रहा है ।
इसका टाटा ग्रुप अपने आप ही यूज़ करेगा। जिसमें टाटा मोटर्स और टाटा की बाकी कंपनीयो की चिप की कमी दूर हो जाएगी।
इसका दूसरा फायदा यह है की आने वाले समय में टाटा ग्रुप एक इतना बड़ा मनुफक्चरिंग प्लांट बना लेगा की बहार एक्सपोर्टर कर सके और दूसरी कंपनियों को भी दे सके।
इसके अलावा टाटा ग्रुप में 500 करोड रुपए का निवेश करने का प्लान बना लिया है यह 500 करोड रुपए का निवेश टाटा ग्रुप अपने सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में लगाएगा जिसके कारण से बहुत सारे सेमीकंडक्टर चिप बनने सुरु हो जायेंगे।
टाटा ग्रुप में 40 से ज्यादा कंपनिया है । तो इसमें से जो चिप बनाएगी वो है टाटा एलेक्सी tata elexis ।
तो टाटा एलेक्सी के शेयर बहुत ज्यादा भागने की उम्मीद है । और इसके कारण से टाटा एलेक्सी के जो इन्वेस्टर्स है उनको अभी इस समय पर निवेश करना चाहिए और जो निवेशक है उनको इस शेयर को कभी नहीं बेचना चाहिए ।
इसके अलावा कोई एक चीज और बता दे कि पिछले समय में टाटा ग्रुप ने 5G इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए तेजस ग्रुप कंपनियों में भी अपना एक बहुत बड़ा हिस्सा खरीद लिया है ।
इस तरह से अगर आपको टाटा ग्रुप में निवेश करना है तो इस समय टाटा एलेक्सी और तेजस नेटवर्क दोनों बहुत ही अच्छी कंपनी है । इनमें आप निवेश कर सकते हो और यह जो सेमीकंडक्टर चिप बनाने वाली चीज है इसके कारण से इस कंपनियों को बहुत ज्यादा फायदा होगा ।
अब आप टाटा एलेक्सी चार्ट देखिये । कि कैसे यह लगातार बढ़ता जा रहा है और इसका फायदा टाटा एलेक्सी को बहुत ज्यादा होने वाला है ।
पिछले 1 साल में ये शेयर दुगुना हो गया है ।
आप टाटा एलेक्सी को अभी भी खरीद सकते है ।
इसके अलावा टाटा मोटर को भी खरीद सकते है क्योंकि इसकी चिप की कमी सबसे पहले पूरी होगी ।
ओर अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने के लिए अच्छा ब्रोकर ढूंढ रहे है तो आप upstox में अपना अकाउंट खोल सकते हैं यहां से फ्री में आपका अकाउंट ओपन हो सकता है ।
सेमीकंडक्टर चिप कहाँ इस्तेमाल होता है
आज शायद ही कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ऐसी होगी जिसमें सेमीकंडक्टर चिप नही लगी हुई है । हर जगह कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हो जैसे मोबाइल, टीवी कंप्यूटर हर चीज में सेमीकंडक्टर चिप लगी होती है । यहां तक कि आजकल जो गाड़ियां है उनमें भी सेमीकंडक्टर चिप्स लगी होती है जिसके कारण से वह एक लग्जरी आइटम बन जा रही है ओर इनमें बहुत सारे फीचर आ गए है ।सेमीकंडक्टर चिप की कमी का कारण
जब से COVID19 स्टार्ट हुआ है उसके कारण से ज्यादातर जो सेमीकंडक्टर चिप बनाने वाली कंपनियां है वह या तो बंद हो चुकी है या उन की गति धीमी हो चुकी है ।आज के समय में ज्यादातर सेमीकंडक्टर चिप जो दुनियाभर में बनती है वह बनती है साउथ कोरिया, ताइवान और चाइना में ।
ओर इनका RAW मटेरियल जापान, मैक्सिको ओर अमेरिका से आता है ।
तो कोरोना के बाद में बहुत सारी कंपनियां ठप हो गई है और उनका काम बहुत कम हो गया है ।
इसके कारण से पूरी दुनिया में चिप की शॉर्टेज आ गई है। और इससे सब एलेक्टोनिक्स समान बनाने वाली कंपनियों पर बुरा असर पड़ रहा है ।
भारत मे इस्तेमाल होने वाली ज्यादातर सेमीकंडक्टर चिप इंपोर्ट ही होती है और हम बाहर के देशों के ऊपर निर्भर रहते हैं । अब इसकी कमी के कारण से हमारे बहुत सारे जो डिवाइसेज है वह मैन्युफैक्चर नहीं हो पा रही है । अब त्योहारो की सीजन में बहुत सारी जो गाड़ियां है वह बनकर आनी चाहिए थी लेकिन डीलर के पास हो गाड़ियां पहुंच नहीं रही है । क्योकि हर जगह पर सेमीकंडक्टर चिप्स की शॉर्टेज पर चल रही है ।
इसका सीधा असर टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा मोटर्स पर पड़ रहा है । टाटा नई गाड़िया बना नही पा रहा है । ओर चिप की कमी के कारण से कुछ गाड़ियां भी लॉन्च नहीं कर पाए हैं । इसका असर टाटा ग्रुप के जैगुआर और लैंड रोवर के ऊपर भी पड़ रहा है ।
तो टाटा ग्रुप ने देखा कि उनके पास हाई एंड और precision मनुफैक्चरिंग की टेक्नोलॉजी ओर इलेक्ट्रॉनिक्स को तो डिवेलप करते हैं और असेंबली की टेस्टिंग में भी काफी समय से हैं । तो ये अपने आप को इंडिया में सबसे पहले सेमिकंडक्टर चिप की मैन्युफैक्चरिंग में भी डाल सकते हैं
टाटा ग्रुप सेमीकंडक्टर चिप बनाने क्यों उतरा
टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखर ने पिछले समय में यह बोला है कि हम अब सेमीकंडक्टर चिप बनाने के क्षेत्र में उतर रहे हैं। और इसके बाद में हमारे पास ऐसी कुछ फैसिलिटी है जिसके कारण से हम सेमीकंडक्टर चिप्स बनाएंगे ।इसका सीधा असर टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा मोटर्स पर पड़ रहा है । टाटा नई गाड़िया बना नही पा रहा है । ओर चिप की कमी के कारण से कुछ गाड़ियां भी लॉन्च नहीं कर पाए हैं । इसका असर टाटा ग्रुप के जैगुआर और लैंड रोवर के ऊपर भी पड़ रहा है ।
तो टाटा ग्रुप ने देखा कि उनके पास हाई एंड और precision मनुफैक्चरिंग की टेक्नोलॉजी ओर इलेक्ट्रॉनिक्स को तो डिवेलप करते हैं और असेंबली की टेस्टिंग में भी काफी समय से हैं । तो ये अपने आप को इंडिया में सबसे पहले सेमिकंडक्टर चिप की मैन्युफैक्चरिंग में भी डाल सकते हैं
IPO आईपीओ क्या है | IPO में निवेश कैसे करे ।
टाटा ग्रुप को फायदा
इसका सीधा साधा सर टाटा ग्रुप की कंपनीयो के ऊपर पड़ेगा । क्योंकि यह जो चिप होगी वो सीधी उन कंपनियों को सप्लाई की जा सकती है।इसका टाटा ग्रुप अपने आप ही यूज़ करेगा। जिसमें टाटा मोटर्स और टाटा की बाकी कंपनीयो की चिप की कमी दूर हो जाएगी।
इसका दूसरा फायदा यह है की आने वाले समय में टाटा ग्रुप एक इतना बड़ा मनुफक्चरिंग प्लांट बना लेगा की बहार एक्सपोर्टर कर सके और दूसरी कंपनियों को भी दे सके।
इसके अलावा टाटा ग्रुप में 500 करोड रुपए का निवेश करने का प्लान बना लिया है यह 500 करोड रुपए का निवेश टाटा ग्रुप अपने सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में लगाएगा जिसके कारण से बहुत सारे सेमीकंडक्टर चिप बनने सुरु हो जायेंगे।
इस कंपनी के पर पड़ेगा असर
अब बात करते है सबसे अहम मुद्दे की । कोन सी कम्पनी चिप बनाएगी ओर फायदा किसको होगा ।टाटा ग्रुप में 40 से ज्यादा कंपनिया है । तो इसमें से जो चिप बनाएगी वो है टाटा एलेक्सी tata elexis ।
तो टाटा एलेक्सी के शेयर बहुत ज्यादा भागने की उम्मीद है । और इसके कारण से टाटा एलेक्सी के जो इन्वेस्टर्स है उनको अभी इस समय पर निवेश करना चाहिए और जो निवेशक है उनको इस शेयर को कभी नहीं बेचना चाहिए ।
इसके अलावा कोई एक चीज और बता दे कि पिछले समय में टाटा ग्रुप ने 5G इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए तेजस ग्रुप कंपनियों में भी अपना एक बहुत बड़ा हिस्सा खरीद लिया है ।
इस तरह से अगर आपको टाटा ग्रुप में निवेश करना है तो इस समय टाटा एलेक्सी और तेजस नेटवर्क दोनों बहुत ही अच्छी कंपनी है । इनमें आप निवेश कर सकते हो और यह जो सेमीकंडक्टर चिप बनाने वाली चीज है इसके कारण से इस कंपनियों को बहुत ज्यादा फायदा होगा ।
अब आप टाटा एलेक्सी चार्ट देखिये । कि कैसे यह लगातार बढ़ता जा रहा है और इसका फायदा टाटा एलेक्सी को बहुत ज्यादा होने वाला है ।
आप टाटा एलेक्सी को अभी भी खरीद सकते है ।
इसके अलावा टाटा मोटर को भी खरीद सकते है क्योंकि इसकी चिप की कमी सबसे पहले पूरी होगी ।
ओर अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने के लिए अच्छा ब्रोकर ढूंढ रहे है तो आप upstox में अपना अकाउंट खोल सकते हैं यहां से फ्री में आपका अकाउंट ओपन हो सकता है ।
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